मध्य प्रदेश को साल के अंत तक 895 डॉक्टर मिलेंगे। लोक सेवा आयोग ने चिकित्सा अधिकारी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की। अक्टूबर-नवंबर में साक्षात्कार के बाद दिसंबर में नियुक्तियां संभव हैं। भर्ती के नियम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों के 1054 और विशेषज्ञों के 2,374 पद रिक्त।
भोपाल : प्रदेश को इस वर्ष अंत तक 895 डॉक्टर मिलने की आशा है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अक्टूबर-नवंबर में साक्षात्कार के बाद चयन सूची जारी होगी। दिसंबर में पदस्थापना हो सकती है। यह सभी पद चिकित्सा अधिकारी के हैं।
29 सितंबर तक आवेदन
वर्तमान में प्रदेश में विशेषज्ञों के तीन हजार 723 स्वीकृत पदों में से दो हजार 374 और चिकित्सा अधिकारियों के पांच हजार 329 पदों में से एक हजार 54 पद रिक्त हैं। भर्ती के नियम पहले की तरह ही हैं, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इन पदों के लिए डॉक्टर 29 सितंबर तक आवेदन कर सकेंगे।
संविदा सेवा वाले डॉक्टरों को छूट
भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसमें पांच वर्ष से अधिक समय तक संविदा में सेवा करने वाले डॉक्टरों को सेवा वर्ष के बराबर छूट मिलेगी। हालांकि, इसके बाद भी अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह पद भरने से प्रदेश के उन पौने चार सौ से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता हो सकेगी जो अभी डॉक्टर विहीन हैं।
लगातार भर्ती के बाद भी पद रिक्त
प्रदेश में डॉक्टरों की लगातार भर्ती के बाद भी चिकित्सा अधिकारियों के एक हजार से अधिक और विशेषज्ञों के दो हजार से अधिक पद रिक्त रहते हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि डॉक्टरों के जितने पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाती है उनमें लगभग 60 प्रतिशत ही हर बार मिल पाते हैं।
विशेषज्ञों के 25 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के बाद भी 63 प्रतिशत पद रिक्त हैं। एनेस्थीसिया और शिशु रोग विशेषज्ञों, गायनकोलाजिस्ट के पद रिक्त होने से आपात स्थिति में गर्भवती की सीजर डिलिवरी भी सभी चिह्नित अस्पतालों में नहीं हो पा रही है, जबकि देश में सर्वाधिक शिशु मृत्यु दर मध्य प्रदेश की है।