मध्य प्रदेश में अकेले सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए दी जाती है 25 करोड़ रुपये की छूट। अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व पर अधिक भार कम करने की तैयारी, इसका किया जाएगा आकलन। खेती की लागत कम करने के लिए किसानों को ब्याज रहित ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में बिजली बिलों पर भी दी जा रही छूट।
विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छूट व प्रोत्साहन दिया जाता है।
वर्षभर में तीन लाख 26 हजार करोड़ का व्यय अनुमानित है।
एमपी वित्त विभाग इस व्यय को कम करने पर मंथन करेगा।
(MP Finance Department)। मध्य प्रदेश सरकार किसान, औद्योगिक इकाई और घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की छूट बिल में देती है। इसी तरह, अन्य विभागों की ओर से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छूट व प्रोत्साहन दिया जाता है।
वर्षभर में तीन लाख 26 हजार करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है। इसमें बड़ा हिस्सा विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली छूट व प्रोत्साहन पर व्यय हो जाता है। अब इस व्यय को कम करने पर मंथन किया जाएगा।
प्रोत्साहन ब्यौरा मांगा
वित्त विभाग ने वाणिज्यिक कर, ऊर्जा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन सहित अन्य विभागों से छूट और प्रोत्साहन स्वरूप दी जाने वाली वित्तीय सुविधा का हिसाब मांगा है। वित्त विभाग की संचालक बजट तन्वी सुन्द्रियाल ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और बजट नियंत्रण अधिकारियों को पत्र लिखकर से राजस्व पर प्रभाव डालने वाले प्रोत्साहन का ब्यौरा मांगा है।
इसके आधार पर इसकी उपयोगिता पर विचार किया जाएगा। देखा जाएगा कि इसे किस रूप में और कितना जारी रखा जाए, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में सरकारी राजस्व पर बहुत अधिक भार न पड़े।
भवन अनुज्ञा की निर्धारित सीमा से अधिक निर्माण को वैध करने दी छूट
नगरीय सीमा में भवन अनुज्ञा से अधिक किए गए 30 प्रतिशत निर्माण को वैध करने का प्रविधान किया गया है। इससे नगरीय निकायों को जो अतिरिक्त राजस्व मिलता, वह नहीं मिल रहा है।
खेती की लागत कम करने के लिए किसानों को ब्याज रहित अल्पावधि कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पर प्रतिवर्ष लगभग आठ सौ करोड़ रुपये का अनुदान जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को दिया जा रहा है।