मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग बुजुर्गों की सेहत के लिए हेल्थ डायरेक्टरी बना रहा है। भोपाल में शुरू हुई इस पहल से बुजुर्गों की स्वास्थ्य जानकारी एकत्र की जाएगी, जिससे उनकी बीमारियों और समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
बुजुर्गों की हेल्थ डायरेक्टरी बन रही
भोपाल में आरोग्यशाला से शुरुआत
स्वास्थ्य समस्याओं को जानने में मदद
भोपाल। मप्र स्वास्थ्य विभाग राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर के बुजुर्गाें की सेहत का ख्याल रखने के लिए एक खाका तैयार कर रहा है। इससे पता चलेगा कि प्रदेशभर में कितने बुजुर्ग हैं, उनको कौन- कौन सी बीमारियां ज्यादा होती हैं और किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है आदि जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग बुजुर्गों की हेल्थ डायरेक्टरी बना रहा है। इसमें बुजुर्गों की सेहत से जुड़ी सारी जानकारी होंगी।
भोपाल से शुरुआत
इस पहल की शुरुआत भोपाल के पंचशील नगर स्थित आरोग्यशाला से की गई है। इसके बाद इसे पूरे प्रदेशभर में शुरू किया जाएगा। दरअसल, वृद्धावस्था में व्यक्ति सामान्य रूप से कई बीमारियों से घिर जाता है। इसके अलावा, वृद्धाश्रमों में अधिकतर बुजुर्गों के उपचार की स्थाई सुविधा नहीं है।
कई बार विशेषज्ञ इलाज के अभाव में इनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है। ऐसे में इस डायरेक्टरी के माध्यम से बुजुर्गों की सारी जानकारी विभाग के पास रहेगी। बतादें कि केंद्र सरकार ने भी घोषणा की थी कि 70 से अधिक उम्र के वृद्धजनों को आयुष्मान योजना के तहत कवर किया जाएगा।
पता चलेगा बीमारियों का पैटर्न
इस डायरेक्टरी से माध्यम से पता चलेगा कि बुजुर्गाें में होने वाली बीमारियों का पैटर्न क्या है ? बुजुर्ग जहां रहते हैं वहां किस प्रकार का संक्रमण होता है। उन्हें किस तरह की दिक्कतें ज्यादा होती हैं। इसके ही आधार पर प्रदेशभर के अस्पतालों के जिरियाट्रिक वार्ड में बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्थाएं की जा सकेंगी।
मप्र में आठ प्रतिशत बुजुर्गाें की आबादी
जनगणना 2011 के मुताबिक मध्यप्रदेश में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाली आबादी लगभग आठ प्रतिशत थी। यानी प्रदेशभर में बुजुर्गाें की संख्या 57 लाख थी। यह देश में बुजुर्गों की आबादी का 8.6 प्रतिशत रहीं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों के स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए वृद्धजन हेड काउंट सर्वे करवाया कर जा रहा है। इससे पहले ओल्ड एज होम में आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में दो सौ से अधिक वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण, जांच एवं उपचार किया गया था। इसकी शुरुआत भोपाल से की जा रही है।
डा. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल