पीएम आवास योजना के तहत 12 नंबर बस स्टाप पर 2017 में शुरू हुए प्रोजेक्ट में एमआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट की लागत 247 करोड़ रुपये है और इसे दो साल में पूरा होना था। लेकिन सात साल बाद भी यह अधूरा है।
निगमायुक्त के समक्ष अपनी मांगें रखते प्रदर्शनकारी।
- हितग्राहियों ने नगर निगम मुख्यालय का किया घेराव।
- एक हितग्राही निगमायुक्त के कदमों में गिरकर रो पड़ा।
- निगमायुक्त के आश्वासन के बाद शांत हुआ मामला।
भोपाल। नगर निगम के हाउसिंग फार आल प्रोजेक्ट में हो रही देरी से नाराज गंगानगर के हितग्राहियों ने सोमवार को आईएसबीटी निगम कार्यालय का अचानक घेराव कर दिया। अधूरे प्रोजेक्ट और मकान न मिलने की वजह से परेशान लोग नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोस्टर भी अपने हाथों में लेकर प्रशासन से अपनी मांगों को तुरंत पूरा करने की अपील की। भोपाल में घर का सपना देख रहे हजारों हितग्राही इस देरी से परेशान हैं।
हालांकि, निगम द्वारा दिए गए आश्वासन ने उनके मन में फिर से उम्मीद जगाई हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन अपने वादे पर कितना खरा उतरता है और अधूरे प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा कर पाता है या नहीं।
प्रदर्शनकारियों ने निगमायुक्त को घेरा
विरोध-प्रदर्शन के दौरान हितग्राहियों ने निगमायुक्त हरेंद्र नारायन और महापौर मालती राय को मौके पर बुलाने की मांग की। गुस्साए लोगों ने निगमायुक्त का घेराव कर अपनी परेशानियां सुनाईं। पुलिस ने भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को पूरा करने पर अड़े रहे।
प्रदर्शन के दौरान एक हितग्राही निगमायुक्त के कदमों में गिरकर रो पड़ा। उसने गुहार लगाई सालों से भटक रहा हूं, मुझे मकान दे दो। इस भावुक अपील से स्थिति और गंभीर हो गई। निगमायुक्त ने लोगों को आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
लोग बोले- घर चलाना हो रहा मुश्किल
मगर, अब तक न तो मकान बना है और न ही बिजली या पानी की व्यवस्था की गई है। मेरे वेतन का आधे से ज्यादा हिस्सा किराये और लोन की किस्त में चला जाता है। ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल पड़ रहा है।
प्रोजेक्ट की स्थिति और देरी के कारण
- पीएम आवास योजना के तहत 12 नंबर बस स्टॉप पर 2017 में शुरू हुआ प्रोजेक्ट।
- योजना के तहत एमआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस के फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
- प्रोजेक्ट की लागत 247 करोड़ रुपये है और इसे दो साल में पूरा किया जाना था।
- प्रोजेक्ट शुरू होने के सात साल बाद भी अभी तक घरों का निर्माण नहीं हो सका है।
- निगम के गंगानगर और भानपुर समेत अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके।
जल्द समाधान का मिला आश्वासन
प्रदर्शन के बाद निगमायुक्त हरेंद्र नारायन ने कहा कि सभी अधूरे प्रोजेक्ट जल्द पूरे किए जाएंगे। निरीक्षण कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने हितग्राहियों को भरोसा दिलाया कि मकानों का पजेशन जल्द ही सौंपा जाएगा।