एएसपी की कार हाईवे पर पंक्चर हो गई थी। उन्होंने ड्राइवर के साथ टायर बदलवाया, इसके बाद पंक्चर टायर को वापस रख रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार कंटेनर ने कार को टक्कर मार दी। जिसमें ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। कार में बैठे एएसपी के परिवार को भी झटका लगा।
घाटीगांव ब्लैक स्पॉट हैं जहां लगातार हादसे हो रहे हैं।
यहीं पर तेज रफ्तार कंटेनर ने कार को मार दी टक्कर।
कंटेनर के साथ 50 फीट तक घिसटती चली गई कार।
ग्वालियर-शिवपुरी हाईवे पर ग्वालियर में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह वर्धमान की गाड़ी में तेज रफ्तार कंटेनर ने टक्कर मार दी। गाड़ी करीब 50 फीट दूर तक घिसटती गई। इस हादसे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के ड्राइवर अजय वासकले की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की पत्नी और बेटी को हल्की चोट लगी है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वर्धमान परिवार के साथ शहर से बाहर गए हुए थे। रात को वह ग्वालियर लौट रहे थे। शुक्रवार-शनिवार की रात क़रीब तीन बजे जैसे ही यह लोग ग्वालियर-शिवपुरी हाईवे पर घाटिगांव के पास पहुंचे, गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया।
पंक्चर टायर को पीछे लगा रहे थे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वर्धमान और उनका ड्राइवर अजय गाड़ी से उतरे। ड्राइवर ने स्टेपनी निकालकर टायर बदला। पंक्चर टायर को पीछे लगा रहे थे। अजय नट कस रहा था और एएसपी वर्धमान टार्च की रोशनी उसे दिखा रहे थे। परिवार गाड़ी में अंदर ही बैठा हुआ था।
इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार में कंटेनर आया। कंटेनर ने पीछे से टक्कर मारी। एएसपी गजेंद्र के सामने ही गाड़ी क़रीब 50 फीट दूर जा गिरी। ड्राइवर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एएसपी की पत्नी और बेटी गाड़ी के अंदर थे तो उन्हे चोट लग गई।
सूचना मिलने पर घाटीगांव थाने की फोर्स मौके पर पहुंची। अजय के शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाता गया। एएसपी के परिवार को अस्पताल ले गए। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। कंटेनर चालक भाग गया।
लगातार हो रहे हादसे
यहां लगातार हादसे हो रहे हैं। घाटीगांव ब्लैक स्पॉट हैं जहां लगातार हादसे हो रहे हैं। कागजों में सुधार किए गए, हकीकत में यहां कोई प्रयास नहीं किए गए। जिसके चलते यहां हादसे हो रहे हैं।
मेरी आंखों के सामने से निकली मौत
महज दो से पांचच सेकेंड में यह हादसा हुआ। मैं सन्न रह गया। गाड़ी करीब 50 फ़ीट दूर जाकर गिरी। गनीमत थी बच्चे और पत्नी बच गए। सबसे दुखद है मेरा ड्राइवर चला गया। आंखों के सामने ही उसकी मौत हो गई। अभी भी वह मंजर आंखों के सामने आता है, तो सिहर उठता हूं। – गजेंद्र सिंह वर्धमान, एएसपी