Tuesday, March 25, 2025
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बच्चों ने देखते ही पहचाना- ‘अरे! यह तो शिवाय है, जिसे बदमाशों ने किडनैप कर लिया था…’

ग्वालियर से शिवाय को किडनैप(Gwalior Kidnapping Case) करके बदमाश मुरैना जिले के काजीबसई ले गए थे। इसके बाद उसे खेत में छोड़कर फरार हो गए। काजीबसई की सरपंच ऐतशाम बानो के ससुर महबूब खान ने शिवाय को घर लेकर पहुंचे। तब वहां मौजूद बच्चों ने उसे पहचान लिया, इसके बाद उसके परिवार को सूचना दी गई।

पहली तस्वीर सीसीटीवी की जिसमें शिवाय की मां उसे स्कूल छोड़ने जा रही है और पीछे बाइक पर किडनैपर्स हैं। दूसरी तस्वीर शिवाय को वापस घर लाते पुलिस अधिकारी।

  1. शिवाय के अपहरण के बाद पूरे शहर में दहशत फैल गई थी।
  2. पुलिस ने बदमाशों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की।
  3. परिवार ने पुलिस और स्थानीय लोगों का धन्यवाद किया।

किडनैपर्स शिवाय को मुरैना जिले के काजीबसई ले गए थे। काजीबसई की सरपंच ऐतशाम बानो के ससुर महबूब खान ने शिवाय के रोने की आवाज सुनी। इसके बाद खंडहरनुमा मकान के पास रोते मिले शिवाय को घर लेकर पहुंचे। यहां बच्चों ने देखते ही कहा कि यह तो शिवाय है।

इसका अपहरण हुआ है। महबूब की नातिन ने शिवाय से घर का नंबर पूछा और फेसबुक पर शिवाय के घर का नंबर मिल गया। फिर वीडियो कॉल कर दिया। उधर, आईजी अरविंद सक्सैना ने डीजीपी कैलाश मकवाना से शिवाय की वीडियो कॉल पर बात कराई।

शिवाय की जुबानी…
मुझे थप्पड़ मारे, गला दबाने का कहकर डराते रहे

शिवाय गुप्ता ने नईदुनिया को बताया कि मुझे कुछ समझ नहीं आया था। बाइक वाले अंकल मुझे पकड़कर ले गए। उनके हाथ में मिर्ची लगी थी, वही हाथ मेरे मुंह पर रख दिया। मुझे मिर्ची लग रही थी। मैं रोया तो मेरा मुंह दबा दिया। बार-बार मुझे बोल रहे थे, अगर शोर मचाया तो गला दबा देंगे। मुझे थप्पड़ भी मारे।

बार-बार गाड़ी से फेंकने की बात कह रहे थे। मुझे डर लग रहा था। फिर मैं सो भी गया। जब उठा तो रोया तो अंकल ने डराया। मैंने कुछ भी नहीं खाया। मुझे नहीं पता कि वे मुझे कहां-कहां घुमाते रहे और रात में खेत में फेंककर भाग गए।

पुलिस को मिला समाज का साथ

यह घटना ऐसी थी, जिसने अलग उदाहरण पेश किया। पूरा शहर शिवाय के परिवार और पुलिस के साथ नजर आया। हर व्यक्ति ने इंटरनेट मीडिया पर फुटेज, फोटो साझा किए। अपने वॉट्सएप स्टेट्स पर लगाया। रिश्तेदारों को भेजे।

शहर की एकता का नतीजा था, बदमाशों पर दबाव बना। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, डीजीपी कैलाश मकवाना खुद चिंतित थे। पूरी मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री खुद कर रहे थे। प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने सुबह ही बच्चों के स्वजनों से बात करने के बाद पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया था।

Sourcenaidunia
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