छत्तीसगढ़ की सूरजपुर पुलिस लोगों का पैसा लेकर भागे चिटफंड कंपनी के लोगों को पकड़ने के लिए राजस्थान के भीलवाड़ा पहुंची। इन्हें ढूंढने के लिए उन्हें वेश बदलना पड़ा। कहीं कपड़े सड़क पर कपड़े की दुकान लगाकर बैठे तो कहीं सब्जी का ठेला लेकर घूमे। आखिरकार ठगी करने वाले चार आरोपितों को धर दबोचा।
वेश बदलकर सूरजपुर पुलिस ने इस तरह पकड़ लिए चार आरोपी।
- सूरजपुर जिले के 29 लोगों से निवेश के नाम पर ठगी।
- एक साल में तीन गुना वापस देने का दिया था लालच।
- 17.32 लाख रुपये ठगने के बाद ये हो गए थे फरार।
चिट फंड कंपनी के माध्यम से ठगी करने वाले आरोपित को राजस्थान के भीलवाड़ा में पकड़ने गई सूरजपुर पुलिस को वेश बदलना पड़ा। पुलिस टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को कहीं सब्जी का ठेला चलना पड़ा तो कहीं फुटपाथ पर बैठकर कपड़े बेचने पड़े।
एक पुलिस अधिकारी ने तो सिर पर पगड़ी बांध ग्रामीण की वेशभूषा में स्कूटी लेकर भीलवाड़ा में भ्रमण किया। अंततः पुलिस ने ठगी करने वाले चार आरोपितों को धरदबोचा। एक साल में तीन गुना रकम वापस करने का झांसा देकर राजस्थान के भीलवाड़ा में संचालित चिटफंड कंपनी द्वारा सूरजपुर जिले के 29 निवेशकों से 17 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई थी।
ठगी का मामला 21 अक्टूबर 2014 से 28 अगस्त 2017 के बीच का है। मामले में राजस्थान के भीलवाड़ा में संचालित अभिप्व प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर्स ने सूरजपुर जिले के 29 निवेशकों को एक साल में रकम तीन गुना वापस करने का प्रलोभन देकर झांसे में लेते हुए 17 लाख 28 हजार 366 रुपये की ठगी का शिकार बनाया। उसके बाद कंपनी के डायरेक्टर्स रफूचक्कर हो गए।
इधर… नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार
बलरामपुर। नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने के आरोपित वासुदेव मरकाम को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित मूलत ग्राम बादा थाना शंकरगढ़ का रहने वाला है। कुछ समय से वह जिला मुख्यालय बलरामपुर में निवास कर रहा था। सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
बलरामपुर जिले के कोरंधा थाना क्षेत्र के ग्राम प्रेमनगर निवासी नानसाय व सुधन राम से आरोपित वासुदेव मरकाम ने लगभग पांच वर्ष पूर्व नौकरी लगाने का झांसा दिया था। दोनों से एक लाख 47 हजार रुपये वसूल लिए थे। दोनों की नौकरी नहीं लगी और न ही उन्हें रुपये वापस किए गए।
ठगी के शिकार दो युवकों ने की शिकायत
ठगी के शिकार दोनों युवकों ने घटना के संबंध में कलेक्टर कार्यालय बलरामपुर में आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन पत्र की जांच थाना प्रभारी कोरंधा के द्वारा की गई। आरोपित वासुदेव मरकाम के विरूद्ध 27 जून को धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत अपराध पंजीकृत किया गया था।
आरोपित वासुदेव मरकाम घटना के पश्चात से लगातार फरार चल रहा था। पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर द्वारा धोखाघड़ी के फरार आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करने सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया था। एसपी के निर्देश के बाद फरार आरोपितों के संबंध में साइबर सेल से मदद ली जा रही थी।
साइबर सेल के माध्यम से वासुदेव मरकाम के मिशन रोड बलरामपुर में छिपे होने की सूचना प्राप्त होने पर थाना कोरंधा व थाना बलरामपुर की संयुक्त पुलिस टीम ने आरोपित के छिपने के संभावित स्थान पर घेराबंदी की।