इंदौर में डिजिटल अरेस्ट के फिर दो केस सामने आए हैं। इनमें एक में तो एडीसीपी अपराध राजेश दंडोतिया टीम के साथ मौके पर पहुंचे। यहां ठगों के चंगुल में फंसे युवक से फोन लेकर नकली पुलिस अफसर से सीधे बात की और उसे जल्द पकड़ने की चेतावनी भी दी।
एडीसीपी अपराध राजेश दंडोतिया ने ठग से सीधी बात की, इसके बाद वो घबरा गया।
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित मौर्य तीन दिनों से था डिजिटल अरेस्ट।
- सूचना मिलने के बाद उनके घर पर पहुंची थी क्राइम ब्रांच की टीम।
- डिजिटल अरेस्ट के दूसरे मामले में युवक होटल के रूप में मिला था।
इंदौर(Digital Arrest in Indore)। जागरुकता के बाद भी डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इंदौर शहर में एक बार फिर दो ऐसे ही मामले सामने आए हैं। एक युवक को ठगों के डर से होटल के कमरे में छिपा हुआ था, पुलिस ने उसे वहां से छुड़ाया।
डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित मौर्य तीन दिनों से ठगों के जाल में फंसे थे। एडीसीपी अपराध राजेश दंडोतिया खुद टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सीधे ठग से बात करते हुए कहा कि तुम कहा से बोल रहे हो। इस पर ठग ने कहा कि वो दिल्ली में हैं। एडीसीपी ने कहा कि मेरा चेहरा स्क्रीनशॉट में ले लो, मैं तुम्हे दिल्ली, हैदराबाद जहां होगे, वहीं से गिरफ्तार करुंगा।
इधर, होटल के कमरे में मिला युवक
विजयनगर थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक इंजीनियर धीरेन्द्र फोन अटेंड नहीं कर रहा है। पुलिस ने उसकी लोकेशन निकाली तो एक वह एक होटल के कमरे में मिला। पुलिस जब वहां पहुंची तो उसने तत्काल फोन छुपा लिया। जब उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई तो युवक ने बताया कि अवैध काम में लिप्त होने की वजह से पुलिस फोन पर उससे पूछताछ कर रही है।
इसके बाद विजयनगर पुलिस को समझ में आ गया कि ये डिजिटल अरेस्ट का मामला है। पुलिस ने युवक को समझाया कि वो ठग हैं जो पुलिस बनकर बात कर रहे हैं। मोबाइल लिया तो पता चला कि नंबर दुबई का है। युवक के खाते में 26 लाख रुपये थे, जो ठग उससे लेना चाह रहे थे। इस तरह से पुलिस ने उसे बचा लिया।