छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम मनकी में कोटवार के घर पर प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी, जिसका वहां के ग्रामीणों ने विरोध किया तो पास्टर राकेश से वाद-विवाद हो गया, जो जल्दी ही गाली-गलौज में बदल गया। पास्टर के इस व्यवहार से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस बुला लिया। जिसके बाद पुलिस पास्टर को को गिरफ्तार कर लिया।
ग्राम मनकी में आरोपित पास्टर को समझाते हुए भाजपा नेता विश्वास गुप्ता।
मनकी में मतांतरण के लिए प्रेरित कर रहे पास्टर का ग्रामीणों से हुआ विवाद।
भाजपा ने किया घटना का विरोध, पास्टर पर शांति भंग का लगाया आरोप।
पास्टर पर बीएनएस की धारा 170 के तहत की गई कार्रवाई , जेल दाखिल।
बालोद। छत्तीसगढ के बालोद जिले के अर्जुंदा नगर के पास स्थित ग्राम मनकी में रविवार को एक प्रार्थना सभा के दौरान तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जब एक पास्टर और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। यह विवाद तब बढ़ा जब पास्टर ने ग्रामीणों से गाली-गलौज करना शुरू कर दिया।
इस घटना ने ग्रामीणों को आक्रोशित कर दिया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए आरोपी पास्टर को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पास्टर ग्रामीणों को प्रार्थना सभा के लिए कर रहा था एकत्रित
ग्राम मनकी में कोटवार के घर पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में पास्टर राकेश निर्मलकर, जो कई हफ्तों से मनकी और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था, पहुंचा। यह व्यक्ति पिछले कुछ समय से ग्रामीणों को प्रार्थना सभा के लिए एकत्रित कर रहा था, जिससे गांव के कुछ लोगों में असंतोष पनप रहा था।
रविवार को आयोजित इस सभा के दौरान, पास्टर और ग्रामीणों के बीच वाद-विवाद हो गया। स्थिति तब बिगड़ी जब पास्टर ने ग्रामीणों से गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने इस पर विरोध जताते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पास्टर राकेश निर्मलकर को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
भाजपा ने किया कड़ा विरोध
इस घटना के बाद, भाजपा महामंत्री विश्वास गुप्ता, पार्षद नीलेश्वर ठाकुर, और अन्य कार्यकर्ता ग्राम मनकी पहुंचे। उन्होंने इस घटना का कड़ा विरोध किया और आरोप लगाया कि पास्टर ग्रामीणों की शांति भंग कर रहा है। ग्रामीणों ने भी कोटवार और उनके परिवार के साथ-साथ पास्टर राकेश पर गांव की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने कहा कि राकेश निर्मलकर, जो पास्टर के रूप में कार्य कर रहा था, लगातार गांव में आकर प्रार्थना सभाओं का आयोजन कर रहा था और लोगों को धार्मिक रूप से प्रेरित कर रहा था। इसके बावजूद, गांव के सरपंच और अन्य वरिष्ठों द्वारा उसे समझाने के प्रयास असफल रहे, और आखिरकार स्थिति विवाद में बदल गई।
पास्टर राकेश निर्मलकर के खिलाफ हुई कार्रवाई
अर्जुंदा थाना प्रभारी मनीष शेन्द्रे ने बताया कि इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पास्टर राकेश निर्मलकर के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत धारा 170 के तहत कार्रवाई की गई है, जिसे शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया गया है।