Tuesday, January 14, 2025
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गिड़गिड़ाती रीना बोली थीं- ‘जो चाहिए ले लो, बस जान बख्श दो’, नहीं पसीजे जल्लाद, मार डाला

मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थिति गार्डन होम्स हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट में मां बेटी की हत्‍या करने वाले चारों आरोपितों को पुलिस ने दबोच लिया है। आरोपित चोरी करने के लिए फ्लैट में गए थे, लेकिन पहले बेटी आई तो उसे मार दिया और बाद में मां को भी मार दिया। आरोपितों ने डेढ महीने पहले नागालिग नौकर का इस्‍तेमाल कर पूरी जानकारी निकाली थी।

अल्कापुरी स्थित गार्डन होम्स फेस तीन के फ्लैट नंबर 322 में मां-बेटी की हत्या के बाद जांच करते फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ। l

हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपित गिरफ्तार

पहले रीना की हत्या की, फिर इंदु पुरी को माैत के घाट उतारा

डेढ़ महीने पहले नाबालिग नौकर से निकाली थी पूरी जानकारी

ग्वालियर के पाश इलाके सिटी सेंटर स्थित गार्डन होम्स हाउसिंग सोसायटी के फ्लैट नंबर-322 में रहने वालीं 81 वर्षीय इंदु पुरी और उनकी बेटी रीना भल्ला की हत्या करने वाले पुराने नौकर इरफान खान व उसके साथी अंकुर झा, छोटू जाट, प्रमोद माथुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरी वारदात का सरगना इरफान ही है, जो चोरी करने के इरादे से पूरी प्लानिंग के साथ फ्लैट में उस समय दाखिल हुआ, जब रीना घर पर नहीं थीं। चोरी करते समय ही रीना आ गईं तो उन्हें पहले तो पीटा।

इसके बाद पीछे से गर्दन पकड़कर तकिये पर मुंह रखा और तब तक दबाया, जब तक दम घुटने से रीना की मौत नहीं हो गई। रीना तड़पती रही, गिड़गिड़ाती रही और हत्यारों से बोली- जान बख्श दो, जो चाहिए ले लो लेकिन इनका दिल नहीं पसीजा। इरफान के साथी बोले कि छोड़ देते हैं, इस पर वह बोला- अगर उसे छोड़ दिया तो पुलिस में रिपोर्ट कराएगी और सभी फंसेंगे। इसके चलते रीना को मौत के घाट उतार दिया।

रीना की हत्या कर बाहर निकल ही रहे थे, तभी उनकी मां इंदु पुरी यहां आ गईं। उन्हें भी गला घोंटकर मार डाला। यह लोग हत्या करने से पहले घर से कुछ रुपये, सोने के गहने और कुछ आर्टीफिशियल ज्वेलरी भी निकाल चुके थे। हत्या करने के बाद माल लेकर भाग गए। फिर हिस्सा किया और दो आरोपित अंकुर व छोटू हैदराबाद भागने की फिराक में थे। भोपाल स्टेशन से क्राइम ब्रांच की टीम ने इन्हें पकड़ लिया। इरफान और प्रमोद को पहले ही पकड़ लिया था। पूछताछ करने पर हत्या की पूरी कहानी उगल दी।

डेढ़ महीने पहले नाबालिग नौकर का इस्तेमाल कर निकाली पूरी जानकारी

पुलिस ने जब इरफान को पकड़ा तो पता चला कि वह पहले रीना भल्ला की डेली नीड्स नाम की दुकान पर डिलीवरी ब्वाय का काम करता था। उसने तनख्वाह बढ़ाने के लिए कहा, फिर सामान चोरी करने लगा। यह गड़बड़ियां पकड़ने पर रीना को लगा कि उसकी नियत खराब है, इसलिए उसे नौकरी से निकाल दिया।

इरफान ने दोस्त प्रमोद, अंकुर के साथ मिलकर चोरी की प्लानिंग की। रीना के यहां मुन्नू (उम्र 17 वर्ष) काम करता है। इरफान ने करीब डेढ़ महीने मुन्नू से दोस्ती की और सब जानकारी हासिल कर ली। पता चला कि घर में 5 से 6 लाख नकद और सोना होगा। पूरी प्लानिंग की। अंकुर व छोटू को ग्वालियर बुलाया।

ई-रिक्शा से उस समय घर पहुंचे, जब इंदु पुरी अकेली घर पर रहती हैं। इंदु पूरी को कम सुनाई देता है, इसलिए यह समय चुना। इरफान का कहना था कि चोरी की आहट उन्हें सुनाई नहीं देती। उन्हें पता भी नहीं लगा था। अचानक 9.28 बजे रीना आ गईं। फिर रीना को मार डाला।

रीना से पूछा था पासवर्ड, बोली थी- छोड़ोगे तभी बताऊंगी

इरफान को यह पता था कि रीना के खाते में काफी पैसे रहते हैं। उसने एटीएम छीन लिया। फिर उसने पासवर्ड पूछा तब रीना बोली कि जब छोड़ोगे तभी बताऊंगी। इस पर बेरहमी से पीटने लगा। गुस्से में पीछे से गर्दन दबा दी।

मां-बेटी की जान बच जाती…अगर यह लापरवाही न होती

सुरक्षा गार्ड: हाउसिंग सोसायटी के सुरक्षा गार्डों के ठीक सामने से तीन आरोपित सोसायटी के अंदर गए। इरफान सीढ़ियों से गया, जबकि प्रमोद और छोटू लिफ्ट से ऊपर गए। किसी ने भी उन्हें नहीं टोका।

पड़ोसी महिला ने देखा…फिर भी संदेह नहीं लगा

रीना के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने इरफान को सीढ़ियों से जाते देखा, वह यह भी जानती थी कि यह रीना के यहां डिलीवरी ब्वाय था। अचानक वह घर तक जाता दिखा, लेकिन महिला ने नहीं टोका।

घर के अंदर सीसीटीवी…फिर भी नजर नहीं पड़ी

फ्लैट के अंदर हाल में सीसीटीवी कैमरा लगा है। जिसका एक्सेस इंदु की छोटी बेटी के पास भी है। यह कैमरा इंदु के लिए लगाया था, वह चलने-फिरने में असमर्थ थीं। यहां भी निगरानी चूकी।

एक काल से मिला सुराग…

एक फोन काल से पुलिस को सुराग मिला। जब पुलिस ने पुराने नौकर और वर्तमान में काम करने वालों की सूची खंगाली तब एक नंबर ऐसा मिला जिस पर संदेह गया। यह नंबर था- इरफान का। इरफान को वर्तमान में काम करने वाले मन्नू ने फोन किया था।

जब मन्नू को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया तब उसने बताया कि सबसे पहले वही फ्लैट में गया था, जहां लाश पड़ी थीं। इसके बाद उसने इरफान को फोन किया तो इरफान बोला कि उसे कुछ नहीं पता। फोन और चैट डीलिट करने के लिए भी बोला, उसने इसलिए फोन लगाया था, क्योंकि तीन दिन पहले इरफान दुकान के आसपास दिखा था।

पुलिस टीम की रही सराहनीय भूमिका

एएसपी कृष्ण लालचंदानी, सीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार, क्राइम ब्रांच प्रभारी अजय पवार, एसआइ महावीर सिंह, एसआइ राजीव सोलंकी और इनकी टीम ने चंद घंटों में हत्या की वारदात का राजफाश कर दिया।

हत्या करने वालों को पकड़ लिया गया है। हत्या का उद्देश्य पैसा-गहने लूटना ही था। पूछताछ में और भी तथ्य आए हैं। जिनकी पड़ताल चल रही है।



SourceNaidunia
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