डौंडीलोहारा ब्लॉक में 3 वर्षीय नैतिक नाले में बह गया और 20 घंटे बाद उसका शव मिला। प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा में कमी को लेकर सवाल उठे हैं। कलेक्टर ने जांच समिति गठित की है। विधायक अनिला भेड़िया ने प्रशासन और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
बड़गाँव में बीते 20 घंटे की खोजबीन के बाद नाले के पास झाड़ियों में 3 साल मासूम नैतिक का शव फंसा मिल गया है। घटनास्थल से करीब 3 किमी दूर मासूम का शव मिला है। गौरतलब है कि मंगलवार को दोपहर करीबन डेढ़ बजे आंगनबाड़ी में पढ़ने गए 3 साल के नैतिक की पास के नाले में बहने की ख़बर मिली थी। तब से चल सर्च अभियान चल रहा था।
नगर सेनानी और ग्रामीणों की मदद से बच्चे के शव को बाहर निकाला गया और फिर नहर पार कर मासूम के शव को ग्रामीणों की मदद से बाहर लाया गया। इस हृदय विदारक घटना से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम छा गया हैं।
वही कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल के निर्देश पर अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने मामले में जांच समिति गठित की है। डौंडीलोहारा एसडीएम शिवनाथ बघेल को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। अन्य सदस्य एसडीओपी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत सचिव गठित जांच समिति का हिस्सा होंगे। 3 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए गए है।
दरअसल मंगलवार करीबन डेढ़ बजे जिले के डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम भेड़ी में बड़ी घटना घट गई थी। जहां आंगनबाड़ी में पढ़ने गया 3 साल का बच्चा नैतिक सिन्हा पिता वासुदेव सिन्हा आंगनबाड़ी केंद्र से लगे साढ़े 3-4 फीट के नाले में खेलते वक्त बह गया था, जिसकी तलाश देर शाम तक प्रशासन की टीम करती रही रही थी।
दूसरे दिन बुधवार को भी बच्चे को ढूंढने नगर सेनानी की टीम द्वारा सर्च अभियान चलाया गया। वही घटना के सूचना मिलते ही मंगलवार को डौंडीलोहारा एसडीएम, पुलिस और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुची थी और बच्चे की तलाश किया गया था। अब मासूम बच्चे की मौत के बाद पूरे मामले में लापरवाही की बात भी सामने आई है।
शासन प्रशासन की बड़ी लापरवाही
बारिश में आंगनबाड़ी के पास मौजूद इतने बड़े नाले को खुला छोड़ना प्रशासन की लापरवाही है। कई ऐसे संस्थान है, जहां छोटे बच्चे पढ़ते है। वहा पर सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना सरकार का काम है। इस घटना में बड़ी लापरवाही सरकार और जिला प्रशासन की हैं। –