मध्यप्रदेश के जबलपुर में शौच करने गए युवक को अजगर ने दबोच लिया। जब वह असहाय हो गया और जान बचाने का उसे कोई रास्ता नहीं सूझा, तो युवक जान बचाने के लिए चिल्लाने लगा। उसका शोर सुनकर आस-पास मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने लाठी-डंडे से अजगर पर हमला कर युवक को बचा लिया।
मध्य प्रदेश में जबलपुर के करीब कल्याणपुर गांव में अजगर के शिकार करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां शौच करने के लिए झाड़ियों के पास बैठे युवक को 16 फीट लंबे अजगर ने दबोच लिया। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि युवक न तो कुछ समझ पाया और न ही जान बचाने के लिए कुछ कर पाया।
युवक ने अजगर के चंगुल से छूटने की कई कोशिश की, लेकिन सब नाकाम रहीं। अजगर का शिकंजा कसता जा रहा था। इसके बाद युवक जान बचाने की गुहार लगाते हुए जोर-जोर से चिल्लाने लगा, ‘कोई मेरी जान बचा लो’। शोर सुनकर वहां आस-पास मौजूद लोग मौके पर पहुंच गए।
नजारा देख ग्रामीणों के उड़ गए होश
युवक को अजगर के चंगुल में फंसा देखकर ग्रामीणों के भी होश उड़ गए। इसके बाद उन्होंने हिम्मत की और लाठी-डंडों से अजगर पर हमला बोल दिया। मगर, अजगर के चंगुल से युवक को तब भी छुड़ाया नहीं जा सका। आखिरकार ग्रामीणों ने चारों तरफ से अजगर पर लाठियां बरसाईं।
मरने के बाद जब अजगर की पकड़ ढीली हुई, तब कहीं जाकर युवक उसके शिकंजे से छूटा। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर उस दौरान आस-पास कोई नहीं होता, तो 15 फीट लंबा अजगर युवक को निगल जाता। समय रहते लोगों ने युवक की जान बचा ली।
पैर और गले में लगा दिया था फंदा
युवक ने बताया कि वह शौच करने के लिए बैठा था। तभी अजगर आकर उससे लिपट गया। इससे पहले कि वह वहां से भाग पाता, अजगर ने उसे कसकर जकड़ना शुरू कर दिया। अजगर ने मेरे पैर और गले में फंदा बना लिया था। युवक के पास जान बचाने के लिए गुहार लगाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था।
ग्रामीणों पर नहीं होगी कोई कार्रवाई
ग्रामीणों द्वारा किए गए हमले में अजगर की मौत होने की सूचना वन विभाग को भी दे दी गई है। घटना का वीडियो भी वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने देखा है। सामान्य तौर पर वन्यजीव पर हमला करने पर वन्य जीव अधिनियम के अनुसार, केस दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। मगर, युवक की जान बचाने के लिए ग्रामीणों ने अजगर पर हमला किया था, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11(2) के अनुसार ऐसे मामले जिनमें अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की जान बचाने के लिए वन्य जीव पर हमला किया जाता है। उसे मारा जाता है, तो किसी पर अपराध दर्ज नहीं होता। इस प्रकरण में मृत अजगर को अपने कब्जे में लेकर नियमानुसार उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है। – ऋषि मिश्रा, डीएफओ