राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा खुद को देशभक्त बताती है, लेकिन अग्निवीरों और किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। राहुल गांधी के संबोधन के दौरान कई बार हंगामा हुआ। स्पीकर ने उन्हें बार-बार नियमों के तहत बोलने की हिदायत दी।
एजेंसी, नई दिल्ली (Rahul Gandhi on Lok Sabha)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में महाभारत में अभिमन्यु के चक्रव्यूह की हत्या का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की। साथ ही, जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया।
राहुल गांधी ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो भी दिखाई। राहुल ने कहा, ‘इस फोटो में कोई पिछड़ा, दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। 20 अफसरों ने हलवा बनाया और अपने 20 लोगों में बांट दिया। बजट कौन बना रहे हैं, वही दो या तीन प्रतिशत लोग। हम जातिगत जनगणना लाकर इस विषमता को खत्म करेंगे।’
राहुल गांधी की यह बात सुनकर सदन में बैठीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया। सीतारमण की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया में वायरल है।
राहुल गांधी ने सुनाई अभिमन्यु और चक्रव्यूह की कहानी
राहुल गांधी ने महाभारत युद्ध में अभिमन्यु के चक्रव्यूह और उनकी हत्या का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा, 6 लोगों (कर्ण, द्रोणाचार्य, दुशासन, अश्वत्थामा, कृपा, शकुनि, दुर्योधन) ने मिलकर अभिमन्यु की हत्या की थी। आज भी छह लोगों ने अपने चक्रव्यूह ने देश को फंसा रखा है। ये छह लोग हैं – नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजीत डोभाल, मोहन भागवत, अंबानी और अडानी।
मोहन भागवत का नाम लेने पर स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी को रोका। स्पीकर ने बताया कि जो लोग इस सदन के सदस्य नहीं हैं, उनका नाम नहीं लिया जा सकता है। इस पर राहुल गांधी तीन नाम (डोभाल, अंबानी और अडानी) हटाने पर राजी हो गए।
राहुल गांधी और लोकसभा स्पीकर के बीच हुई बहस
राहुल ने कहा- जातीय जनगणना से चक्रव्यूह को तोड़ेंगे।
राहुल गांधी के संबोधन के दौरान कई बार हंगामा हुआ।
स्पीकर ने राहुल गांधी को गैर सदस्यों का नाम लेने से रोका।
राहुल गांधी के अनुसार, चक्रव्यूह का उल्टा है शिव की बारात।
भगवान शिव की बारात में किसी से भेदभाव नहीं होता है।
राहुर गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में डर का माहौल है। हम कहते हैं, डरो मत और डराओ मत। राहुल गांधी के मुताबिक, भाजपा में केवल एक शख्स को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की आजादी है। नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा में ऐसा कोई नहीं कर सकता।