योगी सरकार के इस आदेश की चर्चा देशभर में हो रही है। कोई समर्थन कर रहा है, तो कोई विरोध। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सरकार हिंदू और मुसलमान में भेदभाव कर रही है।
उत्तर प्रदेश में दुकानों के बाहर दुकानदारों का नाम लिखे जाने के यूपी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर शीर्ष अदालत सोमवार को सुनवाई करेगी। बता दें, उसी दिन से सावन माह की शुरुआत होने जा रही है।
योगी सरकार के आदेश के अनुसार, पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखा जाए। सरकार का कहना है कि कांवड़ियों की शुचिता का ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
यूपी पुलिस ने फैसले पर अमल भी शुरू कर दिया है। थानेदारों की जिम्मेदारी तय की गई है। वहीं, कई स्थानों पर लोगों ने स्वेच्छा से दुकानों पर नाम लिखना शुरू कर दिया है।
पड़ताल के दौरान पुलिस को कुछ दुकानें ऐसी भी मिलीं, जिनके नाम तो हिंदू लग रहे थे, लेकिन मालिक मुसलमान थे। जैसे – श्रीराम भोजनालय चलाने वाले शहाबुद्दीन निकला। शामली में एक मुस्लिम व्यक्ति चौहान जूस कार्नर के नाम से दुकान चलाता मिला। शामली में ही गोलू जूस कॉर्नर का मालिक साजिद खान निकला।