मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के नवीनीकरण को लेकर कवायद चल रही है। वर्ष 2018 के नियमों के अंतर्गत कालेजों को इस शर्त के साथ मान्यता दी गई थी कि पांच वर्ष में वह खुद अपना भवन बना लेंगे। यह अवधि 2023 में ही पूरी हो गई है। प्रदेश में अभी लगभग 550 कॉलेज हैं, लेकिन नवीनीकरण में 250 से 300 के ही खरे उतरने की आशा है।
मप्र के नर्सिंग कॉलेज।
250 से 300 नर्सिंग कालेजों की ही नवीनीकरण की उम्मीद।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार प्रवेश की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी।
सरकार की याचिका पर एक बार तिथि बढ़ाई जा चुकी है।
भोपाल। एक वर्ष के अंतराल के बाद सत्र 2024-25 के लिए प्रदेश के नर्सिंग काॅलेजों की मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 29 अक्टूबर तक नवीनीकरण को लेकर निर्णय के साथ ही सीटों की संख्या भी निर्धारित हो जाएगी।
इसके बाद नवंबर में नर्सिंग कालेजों में जीएनएम, बीएससी नर्सिंग सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश होंगे। इसके लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से काउंसलिंग कराई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नर्सिंग कालेजों में प्रवेश की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी। सरकार की याचिका पर एक बार तिथि बढ़ाई जा चुकी है। अब सरकार एक बार फिर अंतिम तारीख बढ़ाने के लिए याचिका लगाएगी। बता दें कि सरकार ने तय किया है कि वर्तमान सत्र में नए कॉलेज नहीं खोले जाएंगे, न ही सीटों में वृद्धि की जाएगी।
सिर्फ मान्यता नवीनीकरण होगा। नवीनीकरण के लिए कॉलेज का अपना या संबद्ध 100 बिस्तर का अस्पताल होना चाहिए। जियो टैगिंग सहित अन्य शर्तें भी लागू की गई हैं।
नवीनीकरण के लिए कॉलेजों का खुद भवन होना भी आवश्यक होगा। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मई 2023 में 308 काॅलेजों की जांच में 169 को उपयुक्त बताया था। साथ ही 73 काॅलेजों को कमियों को साथ उपयुक्त बताया था।
जांच के दौरान सीबीआई इंसपेक्टर राहुल राज व अन्य अधिकारियों द्वारा कॉलेजों के निरीक्षण में रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद हाई कोर्ट ने नए सिरे से जांच करने के लिए सीबीआई को कहा था।
इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर कालेजों की मान्यता का नवीनीकरण हो सकेगा। सीबीआई ने अभी तक हाई कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है।