मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों ने एक बार फिर से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष शुरू कर दिया है। राजधानी भोपाल में, 21 दिनों के बाद, आज वे फिर से एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले, 10 सितंबर को अंबेडकर पार्क में उन्होंने एक महाआंदोलन का आयोजन किया था। आज गांधी जयंती के मौके पर, प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक इसी पार्क में एकत्र हो रहे हैं, ताकि नियमितीकरण की अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर सकें।
महापंचायत की अधूरी घोषणाएं:
महापंचायत के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई थीं, लेकिन ये अब भी अधूरी हैं। निम्नलिखित मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं:
मानदेय की नई व्यवस्था: अतिथि शिक्षकों को प्रति पीरियड के बजाय महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा।
अनुबंध की शर्तें: प्रत्येक अतिथि शिक्षक के लिए एक साल का पूरा अनुबंध होगा, जिसे हर साल नवीनीकरण के साथ बढ़ाया जाएगा।
भर्ती में आरक्षण: शिक्षक भर्ती में 25% आरक्षण को बढ़ाकर 50% करने की मांग की गई है।
समय पर मानदेय: हर महीने एक निश्चित तारीख पर मानदेय मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
पात्रता परीक्षा: नियमितीकरण की दिशा में अतिथि शिक्षकों के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी।
सेवा में स्थिरता: साल के बीच में किसी भी अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त नहीं की जाएगी, ताकि कोई गैप न आए।
मानदेय में वृद्धि का कदम
हालांकि, महापंचायत में की गई घोषणाओं में से कोई भी पूरी नहीं हुई है। केवल एक महत्वपूर्ण घोषणा पर तुरंत कार्य किया गया है—अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना किया गया है। उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 के अतिथि शिक्षकों का मानदेय, जो पहले 9,000 रुपये था, अब 18,000 रुपये कर दिया गया है।
यह आंदोलन अतिथि शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।