Saturday, October 5, 2024
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Mithun Chakraborty को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार… अब तक जीत चुके 4 नेशनल अवॉर्ड, पहली फिल्म में ही कर दिया था कमाल

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह घोषणा करते हुए एक्स पर लिखा कि मिथुन चक्रवर्ती को उनकी उल्लेखनीय सिनेमाई यात्रा और भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में 16 जून 1950 को हुआ था। उनका असली नाम गौरंग चक्रवर्ती था।

मिथुन ने ‘मृगया’ फिल्म से की थी करियर की शुरुआत

फिल्म ‘डिस्को डांसर’ से दुनियाभर में मिली पहचान

हिंदी समेत 7 भाषाओं की 350 फिल्मों में की एक्टिंग

(Dadasaheb Phalke Award 2024)। साल 2024 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा। केंद्रीय रेल तथा सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पोस्ट पर यह एलान किया।

मिथुन दा पिछले 50 सालों से फिल्मी दुनिया में सक्रिय है। उन्हें 8 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में होने वाले समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

पद्म भूषण से सम्मानित होने के कुछ ही महीने बाद ही मिथुन चक्रवर्ती के दादा साहब फाल्के पुरस्कार जीतने की खबर आई है। पद्म भूषण समारोह समारोह अप्रैल में हुआ था और अभिनेता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मान स्वीकार किया था।

तब मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था कि मैं बहुत खुश हूं। मैंने जीवन में कभी किसी से अपने लिए कुछ नहीं मांगा। जब मुझे गृह मंत्रालय से फोन आया कि मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया जा रहा है, तो मैं एक मिनट के लिए चुप हो गया, क्योंकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी।

मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी सफर

मिथुन चक्रवर्ती ने 1977 में एक्टिंग में करियर की शुरुआत की थी। उनकी पहली फिल्म मृगया थी। 1982 में फिल्म डिस्को डांसर रिलीज होने के बाद उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई। तब फिल्म ने पूरे एशिया, सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व, तुर्की और अफ्रीका में कारोबार किया था।

‘अग्निपथ’, ‘मुझे इन्साफ चाहिए’, ‘हम से है जमाना’, ‘पसंद अपनी अपनी’, ‘घर एक मंदिर’ और ‘कसम पैदा करने वाले की’ सहित उनकी कई फिल्में आज भी खूब पसंद की जाती हैं। हाल के वर्षों में मिथुन दा ‘ओएमजी: ओह माय गॉड’ जैसी फिल्मों में दिखाई दिए थे।

Mithun Chakraborty के चार नेशनल अवार्ड

  1. पहली फिल्म ‘मृगया’ (1976) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नेशनल अवॉर्ड जीता।
  2. दूसरा नेशनल अवॉर्ड 1993 की फिल्म ‘तहादेर कथा’ के लिए मिला था।
  3. तीसरा नेशनल अवॉर्ड 1996 में आई ‘स्वामी विवेकानंद’ के लिए मिला था।
  4. अप्रैल 2024 में पद्म भूषण अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

SourceNaidunia
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