Friday, January 24, 2025
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Reels की लत से बिखर रहे परिवार, पति-पत्नी में बढ़ रही तकरार, तलाक आवेदन के आधे से ज्यादा मामलों में वजह यही

इस साल भोपाल के कुटुंब न्यायालय में पारिवारिक विवाद के 3349 मामले दर्ज हुए। इनमें से 2000 से अधिक मामलों में मोबाइल की लत व रील को ही तलाक का आधार बनाया गया।

रिश्तों पर भारी रील्स का चस्का

  1. ज्यादात पतियो का आरोप, पत्नी रील बनाने में रहती है बिजी।
  2. पत्नियों का तर्क, पति उन्हें समय नहीं देते। रील्स हैं टाइम पास।
  3. मोबाइल, रील की लत पारिवारिक रिश्तों पर पड़ रही है भारी।

भोपाल। इंटरनेट मीडिया पर रील्स बनाने का शौक अब नशा बनता जा रहा है। यह नशा लोगों के दांपत्य जीवन में जहर घोल रहा है। कई मामलों तो यह तलाक की भी प्रमुख वजह बन रहा है। भोपाल के कुटुंब न्यायालय में पिछले साढ़े 10 महीनों में जो केस आए हैं, उनमें से अधिकतर में पारिवारिक बिखराव की यह चिंताजनक तस्वीर सामने आ रही है।

न्यायालय के आंकड़े बताते हैं कि एक जनवरी से 20 नवंबर तक विवाह विच्छेद के तीन हजार 349 मामले आए हैं। उनमें से दो हजार नौ मामलों में मोबाइल फोन, इंटरनेट मीडिया पर रील्स बनाने के नशे को तलाक का आधार बताया गया है। यह संख्या कुल मामलों का 60 प्रतिशत है।


कुटुंब न्यायालय में इस तरह की शिकायतों के आधार पर तलाक का आवेदन देने वाले दंपती को समझाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह तरीका अधिकांश मामलों में काम नहीं कर रहा है। इस साल ऐसे मामलों में से केवल 938 मामले ऐसे आए, जिनमें पति-पत्नी के बीच समझौता कराया जा सका।

इस तरह बढ़ रही है कलह

केस – 1

शादी के दो साल बाद एक पत्नी ने तलाक का आवेदन दिया। आरोप था कि उसके पति बैंक में पदस्थ हैं, लेकिन उसे खर्च के लिए पैसा नहीं देते हैं। उसे रील भी नहीं बनाने देते हैं और कहीं घुमाने भी नहीं ले जाते हैं। काउंसलिंग में पति ने कहा कि उसकी पत्नी प्राइवेट कंपनी में एग्जीक्यूटिव के पद पर है। वह रील बनाती है। टोका तो इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुझे ही ब्लाक कर दिया। मामले की काउंसलिंग चल रही है।

केस – 2

एक सरकारी अधिकारी पति ने शिकायत की है कि उसकी पत्नी रील के जूनून में इस कदर खो जाती है कि बच्चे की देखभाल नहीं करती। घर का हर काम प्रभावित हो रहा है। यहां तक कि मुझे भी हमेशा तैयार रहने के लिए कहती है, ताकि उसके साथ वीडियो बनाने में उसका साथ दे सकूं। इससे बच्चे का स्कूल में परफार्मेंस खराब हो रहा है। मामले में किसी तरह समझौता कराया गया।

केस – 3

सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत पति ने तलाक मांगा। आरोप है कि पत्नी लगातार रील बनाने में व्यस्त रहती है। पूरा समय वीडियो शूट करने और इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करने में ही बीत रहा है। उसके फालोअर्स भी बढ़ रहे हैं। हर रील में अलग दिखने के लिए वह रोज खरीदारी कर रही है। इस पर पत्नी का कहना है कि पति के पास बाहर घूमाने का समय नहीं है, वह केवल टाइम पास के लिए यह करती है।

केस – 4

शादी के पांच साल बाद एक दंपती के बीच तलाक का मामला आया। पत्नी का कहना था कि पति घुमाने नहीं ले जाते हैं। कहते हैं कि टूरिंग जाब में हूं, बाहर भटक-भटककर थक गया हूं। वे खुद बाहर घूमते हैं और रील बनाते हैं। बीते दिनों जब उनके रील्स स्क्राल कर रही थी तो एक रील के बैकग्राउंड में पति अपनी सहकर्मी के साथ कुछ खाते और मस्ती करते नजर आए। उसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ। मामले में काउंसलिंग जारी है।

आजकल घर टूटने के 60 प्रतिशत मामले मोबाइल की लत और इंटरनेट मीडिया पर रील्स बनाने की वजह से आ रहे हैं। कई ऐसे मामले आए हैं, जिसमें बहुत बार समझाने के बाद भी रील का नशा नहीं छूट रहा है। ऐसे मामलों में समझौता कराकर रिश्ते को बचाने की कोशिश की जा रही है।






SourceNaidunia
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