Sunday, January 26, 2025
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खंडवा जिले में पेड़ काटकर जंगल पर कब्जा जमाने वालों पर जारी है एक्शन, बुलडोजर से हटाए खेत

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गुड़ी वन परिक्षेत्र में अतिक्रमणकारियों ने जंगल में पेड़ों को काटकर यहां कब्जा कर लिया था। यहां वे खेत बनाकर फसल लगा रहे थे। गुरुवार को वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग ने इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

प्रतिनिधि। खंडवा जिले में गुड़ी वन परिक्षेत्र के 10 से 12000 हैकटेयर जंगल में पेड़ों को काटकर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर खेत बना लिए। लगभग 3000 हेक्टेयर में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है, यहां उनकी फसले लहरा रही हैं। ग्रामीणों की लंबी शिकायतों के बाद वन विभाग ने गुरुवार से यहां करवाई शुरू की है।

50 जेसीबी और करीब 500 पुलिसकर्मियों के फोर्स के साथ यहां टीम रातभर कार्रवाई करती रही। पहले दिन की कार्रवाई में वन परी क्षेत्र के नहार माल में 12 घंटे की कार्रवाई के दौरान करीब डेढ़ सौ हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया था। इसके बाद रात भर टीम यहां डटी रही।

शुक्रवार सुबह से वन विभाग ने फिर से कार्रवाई शुरू कर दी है। जंगल के बीच लहरा रही फसलों को बुलडोजर से रौंदा जा रहा है। जो जमीन खाली पड़ी है वहां खंतियां खुदवाई जा रही हैं, जिससे कि अतिक्रमणकारी खाली जमीन पर खेत ना बना सके।

कंटूरों में जमा होगा बारिश का पानी

बुलडोजर से जंगल में जगह-जगह कंटूर खुदवाए जा रहे हैं। जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा होगा। इन कंटूरों में बाद में पेड़ लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने की योजना है। डीएफओ राकेश कुमार डामोर का कहना है कि जंगल में पेड़ लगाकर फिर से इसे विकसित किया जाएगा। कार्रवाई के संबंध में उन्होंने कहा कि जब तक पूरा परिक्षेत्र अतिक्रमण मुक्त नहीं कर दिया जाता तब तक कार्रवाई जारी रहेगी।

एक्टिविस्ट आदिवासियों को कर रहे भ्रमित

डीएफओ डामोर ने मीडिया से चर्चा के दौरान कब्जेधारियों को संदेश देते हुए कहा कई बार देखने में आता है कि कुछ एक्टिविस्ट लोग, जो इनकी लीडरशीप करते हैं। वे लोग इन्हें मिसगाइड कर ब्रेन वाश कर देते हैं। जंगलों में अवैध कटाई के लिए लोगों को उकसाया जाता है। उसके बाद अतिक्रमण के लिए भी यही लोग उन्हें गाइड करते हैं।

ऐसे लोग जो इनके बहकावे में आते है उनसे कहना चाहता हूं कि आप लोग इनके बहकावे में नहीं आए यह वन अपराध है। यह पर्यावरण के लिए भी घातक है। अतिक्रमण के उद्देश्य से ये लोग कब्जे कर भी रहे है तो इन्हें वनाधिकार का दावा नहीं मिलेगा। जंगल से पूरा अतिक्रमण हटाने के बाद ही टीम वापस लौटेंगी।

SourceNaidunia
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