यह घटनाक्रम पांच साल पहले का है। तब भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन से विधायक थे। इंदौर के जेल रोड क्षेत्र में जर्जर मकान को हटाने की कार्रवाई के विरोध में आकाश ने नगर निगम के अधिकारियों पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया था।
आकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाला अधिकारी भी बयान से पटल गया है।
विशेष न्यायालय में चल रहा है केस
वकील बोल- वीडियो से छेड़छाड़ हुई
निगम अधिकारी भी बयान से पलटे
(Akash Vijayvargiya Cricket Bat Case)। मध्य प्रदेश के इंदौर में पूर्व भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के बल्ला कांड में विशेष न्यायालय में सोमवार को बहस पूरी हो गई। 9 सितंबर को कोर्ट फैसला सुनाएगी।
पांच साल पहले विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन से विधायक रहते हुए विजयवर्गीय ने नगर निगम के अधिकारियों पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया था। अधिकारी जेल रोड क्षेत्र में जर्जर मकान को हटाने की कार्रवाई कर रहे थे। विजयवर्गीय कार्रवाई को रोकने व विरोध करने पहुंचे थे। इसी दौरान घटनाक्रम हुआ था।
कोर्ट में विजयवर्गीय के वकीलों की दलील
उन्होंने भी पूर्व विधायक द्वारा बल्ले से वार करने की बात को गलत बता दिया। वीडियो की फोरेंसिक जांच भी नहीं की गई।
बहस के दौरान विजयवर्गीय के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि घटना का जो वीडियो पेश किया गया और बहुप्रसारित हुआ वह एडिटेड है।
वहीं, बल्ला कांड में शिकार बताए गए और एफआईआर दर्ज करवाने वाले निगम अधिकारी भी बयान से पलट गए।