बुद्धेश कुमार वैद्य विदिशा के कलेक्टर थे, जिनका बीते दिनों तबादला कर दिया गया। इसके कुछ दिन पहले ही विदिशा में मंदिर-मस्जिद का एक विवाद सामने आया था, जिसमें कलेक्टर ने हिंदू पक्ष की मांगों के खिलाफ व्यवस्था दी थी।
नागपंचमी पर हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने बीजा मंडल में पूजा करने की मांगी थी अनुमति।
तत्कालीन कलेक्टर ने एएसआई का हवाला देते हुए अनुमति देने से कर दिया था इन्कार।
विवाद हुआ और कुछ दिन बाद ही विदिशा के तत्कालीन कलेक्टर का हो गया तबादला।
मध्य प्रदेश सरकार ने तीन दिन पहले विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का तबादला किया था। इस पर अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश सरकार को घेरा और अपने एक्स एकाउंट पर लिखा कि कलेक्टर को कानून के पालन की सजा मिली है।
ओवैसी ने क्यों लिया कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का पक्ष
ओवैसी ने लिखा है कि मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनों ने मांग की थी कि उन्हें मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए। कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने एएसआई गजट में संरचना को मस्जिद बताया और अनुमति देने से इन्कार कर दिया। कलेक्टर का तबादला इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने कानून का पालन किया।
वक्फ संशोधन विधेयक का भी हवाला दिया
वक्फ संशोधन विधेयक का भी यही खतरा है। सरकार कलेक्टर को बहुत ज्यादा अधिकार देना चाहती है। यदि कोई कलेक्टर सही फैसला लेता है, तो क्या उसका तबादला कर दिया जाएगा? – असदुद्दीन ओवैसी
(वो स्थल जिसका कारण विवाद हुआ था। )
जानिए क्या था विदिशा का मंदिर-मस्जिद विवाद
कलेक्टर के इस फैसले पर हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध जताया था। इस घटनाक्रम के दो दिन बाद राज्य सरकार ने कलेक्टर वैद्य का तबादला कर दिया था। इसी पर ओवैसी ने आपत्ति दर्ज कराई है।
विदिशा के हिंदूवादी संगठनों ने पिछले सप्ताह नाग पंचमी पर धार्मिक स्थल बीजा मंडल का ताला खोलकर पूजा करने की अनुमति मांगी थी, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर वैद्य ने इनकार कर दिया था।
इस स्थल के मंदिर होने का हिंदू पक्ष दावा करता है, जबकि ASI ने उसे मस्जिद बताया है। कलेक्टर ने पूजन करने पर दो साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।