इंदौर शहर में पिछले दिनों हुई तेज बारिश से जहां लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं अच्छी खबर यह है कि इससे शहर के आस-पास के तालाब लबालब के करीब पहुंच गए हैं। इन्हीं तालाबों में से गर्मी के दिनों में शहर के बोरवेल को पानी की आवक रहती है।
इंदौर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश हुई है।
इससे शहर के तालाबों को भरने वाली चैनल में पानी आ गया है।
यशवंत सागर और बिलावली तालाब से भी सप्लाई होता है पानी।
इंदौर शहरवासियों के लिए राहत की बात है कि हाल ही में हुई जोरदार बारिश के बाद शहर के तालाबों में पानी पहुंचने का सिलसिला जारी है। यशवंत सागर और सिरपुर तालाब अपनी क्षमता के करीब पहुंच चुके हैं, जबकि बिलावली, पिपल्यापाला में चैनलों से पानी पहुंच रहा है।
इंदौर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश हुई है। इससे तालाबों को भरने वाली चैनल में पानी आ गया है। उम्मीद है कि शहर में बारिश का आंकड़ा औसत के आसपास पहुंचते-पहुंचते शहर के सभी तालाब लबालब हो जाएंगे।
दो-तीन किमी क्षेत्र में मिलता है फायदा
यशवंत सागर और बिलावली तालाब का पानी शहर में सप्लाई किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि शेष तालाबों का पानी भले ही जल वितरण में उपयोग न आता हो, लेकिन तालाबों में पर्याप्त पानी होने का फायदा तालाब के आसपास के दो-तीन किमी क्षेत्र को मिलता है और इस क्षेत्र में भू-जल स्तर में सुधार होता है।
यह है तालाबों की स्थिति
तालाब | क्षमता (फीट में) | वर्तमान स्थिति (फीट में) |
यशवंत सागर | 19 | 18.9 |
सिरपुर बड़ा | 16 | 14.5 |
सिरपुर छोटा | 14.6 | 14.6 |
बिलावली | 34 | 22.10 |
पिपल्यापाला | 22 | 14.8 |
गड्ढे में भरा पानी बना आईना… शर्म मगर उनको आई ना
जिस इंदौर के मस्तक पर सात बार देश का सबसे साफ शहर होने का मुकुट सजा हुआ है, आज इंदौर का वही सिर शर्म से झुका हुआ है। शेष शहर की तो छोड़ ही दीजिए, इंदौर के कीर्ति-स्तंभ राजवाड़ा के सामने भी सड़क इतनी बदहाल है कि यहां बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों में बारिश ने पानी भरकर इन्हें आईना बना दिया है।
अब राजवाड़ा दिनभर अपना-सा मुंह लिए अपना चेहरा इन आईनों में देखता रहता है और महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह और निगम आयुक्त शिवम वर्मा को कोसता रहता है। हद तो यह कि यहां से ये जिम्मेदार लगभग रोज ही गुजरते हैं, मगर गड्ढा रूपी इन आईनों को देखने के बावजूद जिम्मेदारों को शर्म नहीं आती।