Monday, September 16, 2024
spot_img
HomeCrimeपन्ना में पशुपालकों ने वन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, 8 घायल,...

पन्ना में पशुपालकों ने वन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, 8 घायल, 5 की हालत गंभीर

पन्ना के जंगल में पशुपालकों ने वन कर्मियों पर हमला किया, जिसमें 8 वनकर्मी घायल हुए हैं। विवाद चारागाह को लेकर था, पशुपालकों ने वनकर्मियों पर लाठी-डंडों से हमला किया। घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। वन विभाग आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

पन्ना में पशुपालकों ने वन कर्मियों पर किया हमला

चारागाह को लेकर विवाद में आठ वनकर्मी घायल

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा वन विभाग

पन्ना के जंगल में पशुपालकों और वन कर्मियों के बीच विवाद हो गया। पशुपालकों ने वनकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर लाठी- डंडों से पीटा, जिसमें 8 वनकर्मी घायल हुए हैं, इनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का इलाज जिला अस्पताल पन्ना में चल रहा है। विवाद कोतवाली अंतर्गत मोहल्ला रानीगंज लोकपाल सागर तालाब से लगे जंगल में हुआ। घटना के बाद घायल वन कर्मियों ने पन्ना कोतवाली में शिकायत की है।

चारागाह को लेकर विवाद

घटना के संबंध में जानकारी देते हुए घायल वनरक्षक विनोद मौर्य ने बताया कि उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र पन्ना की पन्ना बीट में रानीगंज के कुछ पशुपालक प्लांटेशन की जाली तोड़कर पशुओं को अंदर कर देते थे, जिससे पौधे उजड़ जाते थे, कई बार रोका गया लेकिन वह नहीं माने, 2 सितंबर को लगभग 8 वनरक्षक और लगभग 10 वन सुरक्षा श्रमिक प्लांटेशन पहुंचे और पशुपालकों को समझाइश देने का प्रयास किया।

करीब 50 से अधिक ग्रामीणोंं ने किया हमला

पहले तो पशुपालक अपने घर लौट गए लेकिन शाम लगभग 6 बजे करीब 50 से अधिक लोग, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, सभी लोग हाथों में लाठी- डंडा, हंसिया और कुल्हाड़ी लेकर पहुंच गए और वन कर्मियों पर हमला कर दिया। जिसमें लगभग 8 वनकर्मी घायल हुए हैं जिनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय पन्ना में चल रहा है।

वन विभाग के एसडीओ कृष्णा मरावी ने बताया कि हमलावरों की पहचान की जा रही है जिनके खिलाफ पन्ना कोतवाली में शिकायत दर्ज करवा कर सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी।

जंगल में भैंसे चराने के लिए रास्ते की मांग

स्थानीय लोगों ने बताया गया है कि यहां पशुपालकों और वन‌ कर्मियों का विवाद काफी समय से चल रहा था। रानीगंज के दर्जनों लोगों की आजीविका का साधन पशुपालन है, जो शुरू से ही जंगल में अपनी भैंसें चराते रहे हैं, लेकिन अब वन विभाग द्वारा जगह-जगह प्लांटेशन लगाकर तार-जाली और खकरी लगा दी गई है।

बिना चारा परेशान पशुपालक

पशुओं को चरने के लिए जगह नहीं मिलने पर पशुपालक परेशान हैं। भैंसों को घर में बांध कर चारा भूसा खरीद कर खिलाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है, पशुपालकों द्वारा कई बार मांग की गई कि जंगल में पशु चराने के लिए कुछ रास्ता दिया जाए लेकिन किसी के द्वारा निराकरण का प्रयास नहीं किया गया जिससे इस प्रकार की घटना सामने आई है।

SourceNaidunia
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments