विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार ने आम बजट में गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया है। नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार के पीछे भी यही कारण बताया गया है। बैठक से पहले ममता बनर्जी ने मांग उठाई कि नीति आयोग को खत्म कर एक बार फिर प्लानिंग कमीशन को लाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक शुरू हो गई है। राजधानी दिल्ली में होने वाली इस अहम बैठक में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर चर्चा होगी। हालांकि, बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कई विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया है। खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल पहुंच चुकी हैं।
कोलकाता से दिल्ली रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने अपने तल्ख तेवर दिखाए थे। उन्होंने कहा था, ‘मौका मिला तो मैं बैठक में गैर-NDA शासित राज्यों के साथ बजट में किए गए भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाऊंगी। साथ ही बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश पर भी बोलूंगी। यदि मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया, तो मैं बैठक से बाहर आ जाऊंगी।’
ममता ने यह भी कहा था कि मुझसे बैठक से 7 दिन पहले अपना लिखित भाषण भेजने के लिए कहा गया था, जो हमने भेज दिया था। यह बजट पेश होने से पहले की बात है। मैं उन गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बात भी उठाऊंगी, जो बैठक में मौजूद नहीं रहेंगे।‘
नीति आयोग को हटाओ और योजना आयोग को वापस लाओ। योजना आयोग की एक संरचना थी। इसने देश में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया। – ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल