Monday, September 16, 2024
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पंडित धीरेंद्र शास्त्री करेंगे 160 किलोमीटर की पदयात्रा, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, जानें यात्रा का संकल्प

पंडित धीरेंद्र शास्त्री, जो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक हैं, हिंदू राष्ट्र की स्थापना की अपील कर रहे हैं और विभिन्न सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर मुखर होकर बयान दे रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने एक महत्वपूर्ण संकल्प लिया है: वह बागेश्वर धाम से ओरछा तक की 160 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य हिंदू एकता को बढ़ावा देना और धार्मिक एकता का संदेश फैलाना है।

पदयात्रा की योजना और उद्देश्य

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू एकता को मजबूत करना है। इस यात्रा में शामिल होने के इच्छुक अनुयायियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। यात्रा के दौरान, अनुयायी थाली, कंबल और बिस्तर लेकर चल सकेंगे। यात्रा के दौरान एक केसरिया ध्वज भी लिया जाएगा, जिसे ओरछा पहुंचने पर मंदिर में चढ़ाया जाएगा।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान और यात्रा की प्रेरणा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयानों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि जब बांग्लादेशी हिंदू भारत आ सकते हैं, तो भारत में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार के संदर्भ में यह सवाल उठाया कि वे कहाँ जाएंगे। उन्होंने इस बयान को एक बार फिर अपनी यात्रा के संकल्प के माध्यम से दोहराया है।

इस यात्रा के माध्यम से पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू एकता और धार्मिक सामंजस्य को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। यह यात्रा धार्मिक जागरूकता को बढ़ाने और एकता का संदेश फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने घोषणा की है कि वह 21 नवंबर से 30 नवंबर तक एक विशेष पदयात्रा पर निकलेंगे, जिसका उद्देश्य हिंदुओं की एकता को बढ़ावा देना और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को सशक्त बनाना है। इस यात्रा की शुरुआत 21 नवंबर को बागेश्वर धाम तीर्थ से होगी और इसका समापन 30 नवंबर को ओरछा में होगा। प्रतिदिन वह 20 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

यात्रा की तैयारी और सुविधा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यात्रा में शामिल होने वाले अनुयायियों से अपील की है कि वे पहले से रजिस्ट्रेशन करवा लें। रजिस्ट्रेशन के माध्यम से यात्रा के दौरान भोजन, प्रसादी और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, अनुयायियों से कहा गया है कि वे अपने साथ कंबल, बिस्तर और थाली लेकर चलें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा के दौरान उन लोगों की सुविधाओं का प्रबंधन रजिस्ट्रेशन के आधार पर किया जाएगा।

यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक जागरूकता बढ़ाना ही नहीं बल्कि समर्पण और एकता का प्रतीक भी बनाना है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री की इस पदयात्रा से जुड़े विभिन्न आयोजन और व्यवस्थाओं के लिए अनुयायियों को पूर्व सूचना और रजिस्ट्रेशन के माध्यम से तैयारियों में मदद मिलेगी।

Sourceghamasan
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