Thursday, September 19, 2024
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Transferable Development Rights: सड़क को चौड़ा करने में मकान की जमीन गई, तो डबल कंस्ट्रक्शन की मिलेगी परमिशन

सड़क चौड़ीकरण में अपनी जमीन देने वाले लोगों को अब जाकर राहत मिली है। इनकी जमीन जो सरकार ने ली थी, उसके डबल एरिया में कंस्ट्रक्शन की अनुमति देगी। अब यह इन लोगों पर निर्भर है कि वे इस अनुमति के हिसाब से या तो खुद निर्माण करें या इस अनुमति को किसी अन्य को बेच दें। ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) पोर्टल लांच होते ही इन्हें मिला सुकून।

Transferable Development Rights)। वर्षों पहले इंदौर शहर के प्रमुख क्षेत्रों में सड़क चौड़ीकरण के लिए अपनी जमीन देने वालों को वर्षों बाद सोमवार को राहत मिली है। सड़क चौडीकरण में इन लोगों की जितनी जमीन शासन ने ली थी, उसके दोगुना क्षेत्रफल बराबर निर्माण की अनुमति अब इन लोगों को मिलेगी।

सरल शब्दों में समझें तो जिस व्यक्ति की 200 वर्गफीट जमीन सड़क चौड़ीकरण में गई है, उसे 400 वर्गफीट अतिरिक्त निर्माण की अनुमति मिलेगी। अब यह इन लोगों पर निर्भर है कि वे इस अनुमति के हिसाब से या तो खुद निर्माण करें या इस अनुमति को किसी अन्य को बेच दें।

विक्रय की स्थिति में अनुमति खरीदने वाले को गाइड लाइन के हिसाब से जमीन मालिक को भुगतान करना होगा। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर इंदौर नगर निगम ने वर्षों पहले बियाबानी, गणेशगंज, एमजी रोड, पाटनीपुरा क्षेत्रों में जबर्दस्त तोड़फोड़ की थी।

कई लोगों के भूखंड सड़क की ओर पांच से 20 फीट तक छोटे हो गए थे। तब रहवासियों को आश्वासन दिया गया था कि जिन लोगों की जमीन चौड़ीकरण में जा रही है, उन्हें ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) का लाभ दिया जाएगा। रहवासी इस टीडीआर को बेच भी सकेंगे।

वर्षों से रहवासी टीडीआर का इंतजार कर रहे थे। सोमवार को भोपाल में टीडीआर पोर्टल लांच होते ही उन्हें अपना इंतजार समाप्त होता नजर आया। टीडीआर के साथ-साथ रहवासियों को 0.5 अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) का लाभ भी मिलेगा।

नगर निगम जारी करेगा सर्टिफिकेट

अपर आयुक्त पांडे ने बताया कि नगर निगम भू-स्वामियों को टीडीआर पॉलिसी के हिसाब से सर्टिफिकेट जारी करेगा। यह उस व्यक्ति के विवेक पर निर्भर करेगा कि वह इसका खुद इस्तेमाल करे या इसे किसी अन्य को बेच दे। यह व्यवस्था भी रहेगी कि व्यक्ति चाहेगा तो वह बाद में निर्माण भी कर सकता है।

जैसे ऊपर वाले उदाहरण में अगर व्यक्ति चाहे तो फिलहाल एक हजार वर्गफीट निर्माण करके बाद में शेष 400 वर्गफीट निर्माण कर ले। मान लो अगर वह सिर्फ 1250 वर्गफीट ही निर्माण करना चाहता है तो शेष 150 वर्गफीट की अनुमति किसी अन्य को बेच सकेगा।

रिसिविंग एरिया तय करेंगे

टीडीआर के लिए तीन क्षेत्र तय किए गए हैं। पहला है उत्पादन क्षेत्र (जहां से टीडीआर उत्पन्न हुआ है)। दूसरा है प्रभावित क्षेत्र (सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाला क्षेत्र) और तीसरा है रिसिविंग क्षेत्र (जहां टीडीआर को बेचा जा सकता है)। नगर निगम ने इन तीनों क्षेत्रों को चिह्नित करेगा और इसके हिसाब से अधिसूचना जारी होगी।

सभी के लिए खुशी 
का दिन

ऐसे सभी लोग जिनके मकान या दुकान तोड़कर उनसे जगह ली गई थी, उन्हें टीडीआर का लाभ मिलेगा। हम इसके लिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का धन्यवाद करते हैं। अब लोगों को लगातार उनके डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट पोर्टल के माध्यम से मिलेंगे। आने वाले समय में बहुत ही जल्द ही इन राइट्स का उपयोग मास्टर प्लान की कुछ शर्तों में बदलाव के साथ होने लगेगा। इंदौर के लिए यह बड़ी सौगात है। हम लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे। – पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर

पोर्टल में होगी ली जाने वाली जमीन की जानकारी

इस पोर्टल के चालू होने के बाद अब निर्माण एजेंसी जैसे नगर निगम प्रस्ताव बनाकर हमें भेजेगी। इसमें ली जाने वाली जमीन का पूरा लेखाजोखा होगा। इसी के हिसाब से डेवलमपेंट राइट्स सर्टिफिकेट (डीआरसी) जारी किए जाएंगे। – शुभाशीष बैनर्जी, संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश

एफडीआर की तरह होगा टीडीआर सर्टिफिकेट

एक निश्चित समय के लिए राशि जमा करने पर बैंक एफडीआर जारी करता है, टीडीआर भी इसी तरह से होगी। गाइड लाइन बढ़ने के साथ-साथ इसकी कीमत भी बढ़ सकेगी। टीडीआर को किसी भी रिसिविंग एरिया के निर्माण के लिए बेचा जा सकेगा।

SourceNaidunia
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