Thursday, September 19, 2024
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कैसे कम होगा स्कूल बैग का बोझ, चौथी की किताब ही 500 पन्नों से ज्यादा

देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल बैग पॉलिसी लागू की गई है। इसमें बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम करना मुख्य उद्देश्य है। इंदौर में जब छोटी कक्षाओं के बच्चां की किताबों का वजन लिया गया, तो यह जरूरत से ज्यादा निकला। इससे साफ है कि राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूल बैग पॉलिसी का कोई ध्यान नहीं रखा है।

सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर के बच्चों पर किताबों का बोझ लादा जा रहा है। ये बच्चे पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही एफएलएन (मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता) की पुस्तकें भी पढ़ रहे हैं।

पूरे कोर्स की किताबों का वजन चार से पांच किलो तक हो रहा है, जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू की गई स्कूल बैग पॉलिसी 2020 में पहली से पांचवीं तक 1.6 से 2.5 किलो तक का ही स्कूल बैग का वजन होना चाहिए।

चौथी कक्षा की हिंदी की एफएलएन पुस्तक का वजन एक किलो 100 ग्राम है। चौथी कक्षा में कुल आठ पुस्तकों का बोझ बच्चों को उठाना होगा। हाल फिलहाल जिले में प्राथमिक स्कूलों में कक्षावार ये किताबें पहुंचने लगी हैं।

प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को शुरुआती मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान देने के लिए एफएलएन शुरू किया गया है। पहली से तीसरी तक और इस बार चौथी कक्षा में भी एफएलएन की किताबें पहुंचने लगी हैं।

राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार एफएलएन की किताबों में अभ्यास कराकर स्कूल ही में रखने की व्यवस्था करना है, लेकिन जिले के अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों द्वारा इन पुस्तकों को बच्चों को ही दे दी जाती है। इसके कारण पहली कक्षा के विद्यार्थी को भी तीन से चार किलो वजनी स्कूल बैग लेकर आना-जाना पड़ता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के तहत स्कूल बैग को लेकर नियम बनाए गए हैं। इसके अनुसार पहली कक्षा में स्कूल बैग का वजन 1.6 किलो तक होना चाहिए। इसी तरह पांचवीं कक्षा तक अधिकतम वजन 2.5 किलो होना चाहिए। सभी स्कूलों में स्कूल बैग का तय वजन संबंधित चार्ट लगना अनिवार्य है। पॉलिसी में पढ़ाई के घंटे तक तय किए गए हैं।

आठवीं कक्षा तक वर्कबुक, अभ्यास पुस्तिकाएं व अन्य सामग्री को स्कूल में ही रखने की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए स्कूलों में ही लाकर आदि की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन सरकारी स्कूलों में यह व्यवस्था नहीं है। कुछ ही ऐसे स्कूल हैं, जहां एफएलएन की पुस्तकों को अभ्यास के बाद स्कूल में ही रखवा लिया जाता है।

एफएलएन की किताबों के पेज की बात करें तो तीसरी कक्षा की अंकुर अभ्यास पुस्तिका हिंदी में 380 पेज हैं व वजन 820 ग्राम। कक्षा चौथी की अंकुर अभ्यास पुस्तिका हिंदी में कुल 512 पेज हैं, जिसका वजन एक किलो 100 ग्राम है। इस सत्र में मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम ने अब तक पहली से चौथी कक्षा तक की कुछ विषयों की पुस्तकें प्रकाशित कर स्कूलों तक पहुंचाई हैं।

जानकारी के अनुसार कक्षा पहली और दूसरी में तीन विषयवार पुस्तक और तीन एफएलएन की पुस्तकें हैं। इसी तरह तीसरी और चौथी कक्षा में चार विषयवार पुस्तक और चार एफएलएन पुस्तकें हैं। ऐसे में बच्चों को चार से पांच किलो तक का स्कूल बैग उठाना पड़ेगा। इस तरह राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकार की स्कूल बैग पालिसी को ही दरकिनार कर दिया है।

राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देश हैं कि एफएलएन की पुस्तकों से बच्चों को अभ्यास कराकर वापस स्कूल में ही रखना है। स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। अगर संस्था प्रभारी एफएलएन की पुस्तकें स्कूल में नहीं रख रहे हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। 

SourceNaidunia
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