देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, एसबीआई ने एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स में वृद्धि की है। इसका असर पर्सनल या ऑटो जैसे लोन की ईएमआई पर पड़ेगा। नया लोन तो महंगा होगा ही, मौजूदा लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी।
यह खबर उन लोगों के लिए जिन्होंने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से पर्सनल या ऑटो लोन ले रखा है। एसबीआई ने 15 जुलाई से मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) में 5 से 10 आधार अंक (बीपीएस) की वृद्धि की है। लेंडिंग रेट का मतलब अब एसबीआई अपने ग्राहकों को इस दर के नीचे किसी भी प्रकार का कोई लोन नहीं देगा।
बता दें, करीब एक महीने पहले यानी जून के मध्य में भी एसबीआई ने एमसीएलआर में 10 आधार अंकों की वृद्धि की थी। इस वृद्धि का असर ईएमआई पर पड़ेगा।
ओवरनाइट लोन पर एमसीएलआर 5 बीपीएस बढ़कर 8.10% हुआ।1 महीने के लोन पर एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 8.35% हुआ।3 महीने के लोन पर एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 8.40% हुआ।
6 महीने के लोन पर एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 8.75% हुआ।1 साल के लोन पर एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 8.85% हुआ।2 साल के लोन पर एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 8.95% हुआ।3 साल के लोन पर एमसीएलआर 5 बीपीएस बढ़कर 9.00% हुआ।
पर्सनल या ऑटो जैसे लोन एमसीएलआर से जुड़े होते हैं। एमसीएलआर बढ़ने के बाद इन लोन की ईएमआई बढ़ गई है। वहीं, होम लोन रेपो रेट से जुड़े होते हैं। अच्छी बात यह है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 फीसदी बनाए रखा है।