भाजपा मध्य प्रदेश में 9 से 12 जुलाई तक सभी जिलों की कार्यसमिति की बैठकें लेगी। 10 से 15 जुलाई तक मंडल स्तर पर होगी कार्यसमिति की बैठकें होंगी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में जिन बूथों पर भाजपा को हार मिली, उन बूथों पर नेताओं का फोकस रहेगा।
मध्य प्रदेश में हारे हुए बूथों की भाजपा अब समीक्षा कर मजबूत पकड़ बनाने में जुटेगी। इसके लिए नए सिरे से रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। भाजपा भले ही लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ जीती हो लेकिन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हारे हुए बूथ अब भी पार्टी के लिए चुनौती है।
भाजपा केंद्र में भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार नहीं बना पाई है। ऐसे में इससे सबक लेते हुए भाजपा अब हारे हुए 20 प्रतिशत बूथों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहाएगी। इसके लिए आगामी दिनों में बूथवार विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों में विधायक और सांसद को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला और मंडल स्तर की कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। नौ से 12 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिलों की कार्यसमिति की बैठकें होगी। जिन जिलों में नौ जुलाई को बैठक हो जाएगी, वहां 10 से 15 जुलाई के मध्य मंडल स्तर की कार्यसमिति की बैठकें होगी। 13 से 20 जुलाई के मध्य शक्ति केंद्रों का सम्मेलन आयोजित किया जाएंगे और पोलिंग एजेंटों को सम्मानित किया जाएगा।
28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम को सभी बूथों पर सुना जाएगा। सरकार के सभी सांसद-विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के किसी बूथ एक पर पहुंचकर कार्यक्रम सुनेंगे और बूथ की बैठक में शामिल होंगे।
21 जुलाई को गुरूपूर्णिमा का कार्यक्रम भी पार्टी द्वारा बूथ स्तर तक मनाया जाएगा। इसके साथ ही 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस, 14 अगस्त को भारत विभाजन विभीषिका दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम भी पार्टी कार्यकर्ता मनाएं।