Wednesday, October 16, 2024
spot_img
HomeUncategorizedमध्‍य प्रदेश सरकार कराएगी बस, ट्रक, लोडिंग वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर और...

मध्‍य प्रदेश सरकार कराएगी बस, ट्रक, लोडिंग वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर का श्रमिक पंजीयन

मप्र की सरकार एक नया अभियान चलाने जा रही है। इसमें ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर, लोडिंग एवं अनलोडिंग करने वाले मजदूरों का रजिस्‍ट्रेशन कराया जाएगा। श्रम कानून के तहत मोटर यातायात संस्थान में दो या दो से अधिक श्रमिक नियोजित होने पर इसके श्रम कार्यालय में पंजीयन कराया जाना अनिवार्य है।

मध्‍य प्रदेश में बस ड्राइवरों की सरकार ले रही है सुध।

मोटर यातायात श्रमिक अधिनियम 1961 के तहत ऐसे संस्थानों के पंजीयन का प्रावधान है।

प्रदेश में मोटर यातायात परिवहन संस्थानों व उनमें कार्यरत श्रमिकों की संख्या बहुतायत है।

इन संस्थानों में श्रमिक, श्रम कानूनों के तहत सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहते हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार बस, ट्रक, लोडिंग वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर का श्रमिक पंजीयन कराएगी। इसके लिए श्रम विभाग मोटर परिवहन संस्थानों में लगे श्रमिकों के पंजीकरण का एक माह तक अभियान चलाएगा।

इस संबंध में श्रमायुक्त धनराजू एस ने सभी श्रम अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, मोटर परिवहन संस्थानों में ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर, लोडिंग एवं अनलोडिंग करने वाले मजदूर की श्रेणी में आते हैं।

इन श्रमिकों के कल्याण के लिए मोटर यातायात श्रमिक अधिनियम 1961 के तहत ऐसे संस्थानों के पंजीयन का प्रविधान है।

प्रदेश में मोटर यातायात परिवहन संस्थानों व उनमें कार्यरत श्रमिकों की संख्या बहुतायत है, लेकिन इसके बावजूद ये पंजीकृत नहीं हैं। ऐसे में इन संस्थानों में लगे श्रमिक, श्रम कानूनों के तहत सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित रहते हैं।

रजिस्‍ट्रेशन के लिए प्रेरित करेंगे

आगामी एक माह में अभियान चलाकर संबंधित शासकीय, अर्धशासकीय, निजी निकायों, संस्थानों के अंतर्गत संचालित मोटर यातायात संस्थान एवं ट्रांसपोर्ट आनर्स, एसोसिएशन आदि से संपर्क कर उन्हें भी अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे कि पंजीयन एवं नवीनीकरण की संख्या में वृद्धि हो सके और इनमें नियोजित श्रमिकों को श्रम कानूनों के प्रविधानों का लाभ मिल सके।

मैदानी अधिकारियों की उदासीनता के चलते श्रमिकों को नहीं मिल पाता लाभ

मैदानी श्रम अधिकारियों द्वारा ऐसे संस्थानों का पंजीयन अधिनियम के अनुसार नहीं किया जा रहा है और न ही उनका नियमित निरीक्षण किया जा रहा है।

ऐसे में इन संस्थाओं के श्रमिकों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।

इससे इन संस्थानों में लगे श्रमिकों को श्रम कानूनों के तहत मिलने वाले विभिन्न लाभ जैसे न्यूनतम मजदूरी, साप्ताहिक अवकाश व अन्य अवकाश, ओवर टाइम, यूनिफार्म एवं चिकित्सा सुविधाएं आदि नहीं मिल पा रही है।

SourceNaidunia
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

ремонт кондиционеров сервис центры в москве on ‘Pressure is always there when you’re playing a WC at home’ – Powell
ремонт кондиционеров сервис центры в москве on CM Mohan Yadav: Rs 20 crore to be allocated to plantation drive in Indore